🌹🌷फूल और सिख 🌹🌷
है सबके मन भाता फूल, कभी नही इठलाता फूल। लाख तुफां आये फिर भी डाली पर मुस्काता फूल। राहो मे बिछ जाता फिर भी तनिक नही शर्माता फूल। चढता सिर देवो के फिर भी तनिक नही बलखाता फूल। समय कि मार बताता फूल, धैर्य का पाठ पढाता फूल। जैसे पतझड और बसंत मे एक समान मुस्काता फूल।।🌺🌻🌹🌷